❤️ देवर और भाभी की पहली रात – एक रोमांटिक हिंदी एडल्ट कहानी
(सिर्फ 18+ पाठकों के लिए)
यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, केवल एंटरटेनमेंट के लिए। किसी असल घटना या व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है।
रश्मि की शादी हुए सिर्फ दो दिन ही हुए थे। नए घर में हर कोई बहुत खुश था, लेकिन रश्मि का दिल थोड़ा घबराया हुआ था। उसका देवर, अमित, भी काफी हैंडसम था और रश्मि के सौंदर्य पर उसकी नजरें बार-बार ठहर जाती थीं। रश्मि ने भी महसूस किया कि अमित की नजरों में उसके लिए एक अजीब सी चाहत थी।
रात का समय था। सब लोग सो चुके थे। रश्मि अपने कमरे में अकेली बैठी थी, तभी अमित धीरे से दरवाजे पर आया। उसने धीरे से आवाज दी —
“भाभी, सो रही हैं?”
रश्मि चौंककर बोली, “नहीं अमित, आओ अंदर।”
अमित कमरे में आया, उसके हाथ में एक गिलास दूध था।
“भाभी, ये दूध रख दूँ?”
“हाँ, रख दो।”
अमित की आँखों में कुछ अलग ही चमक थी। उसने धीरे से कहा —
“भाभी, आप बहुत सुंदर हैं। भाई बहुत लकी हैं।”
रश्मि को ये सुनकर थोड़ा संकोच हुआ, लेकिन अमित की बातों में अपनापन भी था। अमित थोड़ा और करीब आया, उसकी खुशबू रश्मि के मन को बेचैन करने लगी।
रश्मि ने कहा —
“अमित, तुम ऐसा मत कहा करो।”
अमित मुस्कुराया —
“भाभी, मैं आपको कुछ नहीं कहूँगा, बस आपके पास बैठा रहूँगा।”
रश्मि का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। अमित ने धीरे से रश्मि का हाथ पकड़ लिया। रश्मि ने हाथ हटाने की कोशिश की, मगर अमित का स्पर्श उसे एक अजीब सुकून दे रहा था।
अमित ने उसकी आँखों में देखा —
“भाभी, आप खुश तो हैं ना?”
रश्मि ने हल्की मुस्कान दी —
“हाँ, खुश हूँ।”
फिर दोनों के बीच एक पल की ख़ामोशी छा गई। बाहर हल्की बारिश होने लगी थी, जैसे माहौल को और रोमांटिक बना रही हो।
अमित ने धीरे से रश्मि की जुल्फों को पीछे किया, और उसके गाल पर हल्का सा स्पर्श किया। रश्मि की साँसे तेज हो गईं। उसका बदन काँपने लगा था।
“अमित, ये सही नहीं है…”
“भाभी, मैं कुछ गलत नहीं करूँगा, बस आपको महसूस करना चाहता हूँ।”
अमित ने उसका चेहरा अपनी हथेलियों में लिया और उसकी आँखों में झाँकते हुए बोला —
“आपकी खूबसूरती दिल को बेचैन कर देती है।”
रश्मि को अमित की बातें अंदर तक छू गईं। पता नहीं क्यों, उसे भी अमित के करीब होने में कोई बुराई महसूस नहीं हुई।
धीरे-धीरे अमित ने उसके होंठों को चूम लिया। रश्मि का दिल जैसे रुक गया, लेकिन उसने विरोध नहीं किया। वो पल बेहद खास था, दोनों के बीच अजीब सी केमिस्ट्री बन गई थी।
रश्मि ने धीरे से अपनी बाहों में अमित को भर लिया। उसके दिल में अब कोई डर नहीं था, बस चाहत ही चाहत थी।
अमित ने उसे बेड पर बैठाया और धीरे-धीरे उसकी साड़ी के पल्लू को हटाया। रश्मि का बदन काँप रहा था, लेकिन उसकी आँखों में अब अमित के लिए भरोसा था।
धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे में खोते चले गए। बारिश की आवाज और भी तेज हो गई, जैसे आसमान भी उनकी इस पहली रात का जश्न मना रहा हो।
रश्मि ने आँखें बंद कर लीं और अमित के प्यार को महसूस करने लगी। उसकी हर एक धड़कन में अमित का नाम बस गया था।
रात भर दोनों एक-दूसरे में खोये रहे, बिना किसी डर या झिझक के। उनके बीच का ये रिश्ता गलत था या सही — ये कोई नहीं जानता, मगर उन दोनों के लिए वही पल सबसे खूबसूरत था।
सुबह होते ही रश्मि की आँख खुली, अमित अब भी पास ही सो रहा था। रश्मि ने उसके बालों को सहलाया और मुस्कुरा दी।
शायद इस रिश्ते को कोई नाम नहीं मिल पाएगा, लेकिन रश्मि के दिल में अमित के लिए एक खास जगह बन चुकी थी